Sunday, February 24, 2013

उसे भी मालूम ये पुलिस की गाड़ी है

गाड़ी के पहुंचते-पहुंचते सिग्नल पर बत्ती लाल हो गयी. वह धीरे से शीशा नीचे कर अगल-बगल देखने लगा. करीब डेढ़ साल के बच्चे को जैसे तैसे से गोद उठाये वह बच्ची स्कार्पियो, वेगन-आर, स्विफ्ट के पास से हाथ जोड़े उसके ठीक बगल वाली सफारी के बंद शीशे पर ठक-ठक करती मांगने लगी. अगला नंबर अपना मानकर उसने डिक्की की तरफ एक नजर घुमाते हुए जेब से ही सिक्का टटोल लिया.
 
वह घूमी तो....फिर उसके बाजू से गुजरकर पिछली गाड़ी पर दस्तक देने लगी...बाबूजी ... बाबूजी...! 

सिक्का मसलते हुए वह सोचने लगा....... उसे भी मालूम ये पुलिस की गाड़ी है

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