नेताजी सुबह से अपने एयरकन्डीशन कार से चुनाव क्षेत्र के दौरे पर हैं....अब कहाँ चलना है..? भैयाजी, अयोध्या नगर..! अच्छा...गाड़ी पहले ही रोक लेना. भैया जी, वैसे भी गाड़ी अन्दर तो जायेगी नहीं.... रोड ही कहाँ है...!!! अबे, चुप्प्प....! बीच में ही किसी ने टोका. पैदल हाथ जोड़कर चल रहे नेताजी जहाँ उम्र में बड़े....किसी को देखते स्मरण पर जोर आजमाकर नाम बोलते.....उसका चरण स्पर्श कर लेते. अचानक बाएँ मुडे...... सिर झुकाया...... और सदाराम महावर के झुग्गी में घुसकर अन्दर पड़ी टूटी मचिया पर जैसे तैसे लेटी बुधिया के सिरहाने ठिठक कर लौटे और पैर तरफ़ जगह बनाकर जम गये. ....माताराम कैसी हो..! सदाराम.... [ एक सेवक बीच में इशारा करता है..] फ़िर अधखुले मुँह से...... बजता हुआ मोबाइल नेताजी को पकड़ा देता है..... आवाज आती है..." - कहाँ हो भैयाजी..! यहाँ घर में माँ को दिल का दौरा पड़ गया है.... जल्दी घर आ जाइए." मुँह में दबाये पान को दायें गाल से बांयी ओर कर अविचलित भाव से मोबाइल को.....कान से हटाकर मुँह पर लाकर सबको सुनाते हुए नेताजी कहते हैं........ अरे, इतना भी मेनेज नहीं कर सकते......... मैं अपनी माँ के पास ही तो हूँ...... और ... सदाराम ... माताराम की तबियत ठीक तो रहती हैं न....!!!
.....समीर यादव
क्या कहें इनका!! आपने सही चित्र उकेर दिया है.
ReplyDeletekora sach hai janaab
ReplyDeleteलगा तीर निशाने पर्।नेतागिरी का सही और सटीक इन्वेस्टिगेशन।
ReplyDeleteनेता की नौकरी (पढ़ें नौटन्की) हर एक के बस की नहीं है।
ReplyDeleteबहुत खूब! हालाँकि ऐसा पढ़ा है पहले.. याद नही आ रहा.. शायद दैनिक भास्कर के रसरंग में.. क्या वहा आपने ही लिखा था?
ReplyDelete........ अरे, इतना भी मेनेज नहीं कर सकते......... मैं अपनी माँ के पास ही तो हूँ...... और ... सदाराम ... माताराम की तबियत ठीक तो रहती हैं न....!!!
ReplyDelete" ha ha ha but hadd hai nauntankee kee bhee... good to read"
Regards
@ कुश जी....
ReplyDelete.....सूक्ष्म स्मरण के लिए शुक्रिया.
बहुते बढ़िया !
ReplyDeletejanab aap neta logo ko bahut kareeb se jaante hai kya aap bhi koi neta to nahi.....ha ha ha....
ReplyDeleteबहुत ही सटीक . धन्यवाद.
ReplyDeleteझकास लेख है भाई....एक दम झकास !
ReplyDeletekya baat hai sameer...aajkal railiyon mein ghoom rahe ho kya? sahi picture kheenche ho.
ReplyDeleteअरे अपने मुन्ना भाई(राहुल) भी तो यही कर रहै है, भाई मजवुरी है , यह सब नोटंकी ना करे तो वोट कोन देगा???
ReplyDeleteआप ने बहुत ही सुंदर व्यंग किया है, धन्यवाद
मै भी यही सोच रहा हुँ !!नैनो तो टाटा जी बना देंगे रोड कौन बनायेगा ?
ReplyDeleteachha hai jee achha hai, chhote kaptaan saheb.
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