चपटी तिकोने वाली प्लेट
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अंडे सर्दी में फायदेमंद होते हैं.
अंडे, अब तो ये सभी मौसम में खाये जा सकते हैं. उसने हँसते हुए चाक़ू की धार के दूसरी तरफ़ से टूक टूक कर तोड़ा और सहेजकर गरम फ्राइंग पेन पर उड़ेल दिया.
अच्छा है तुम अंडे खाने लगी.
क्यों ? अब ये वैसे भी वेजेटेरियन केटेगरी में है.
न न.…… वेज, नॉनवेज की बात नहीं !
तो क्या ?
बात मानसिकता की है.
लो तुम फिर फेमिनिस्ट अप्रोच लेकर शुरू हो गये, जैसे दुनिया भर की चेतना की शुरुआत प्रोग्रेसिव लेडी के किचन से होती है. आमलेट को पलटते हुए वह यहाँ तक, रोज़ाना की बातचीत की आदी सी हो गयी थी.
तो क्या अब उसी तरह से जवाब दिया जाना ही किसी समस्या का समाधान है.
अब कौन सी समस्या है…! उसने फ्राइंग पेन से आमलेट मिहिर के चपटी तिकोने वाली प्लेट पर डालते हुए पूछा।
देखा न ! एक प्रोबेशनर को 13 मौतों के बाद लगने वाले पहले ही शिविर में सारे काम सौंप देना, फिर कहना लड़कियाँ किसी से कहीं कम नहीं.
"बात कुछ और ही है" किचन से बैडरूम के वार्डरोब की तरफ जाती हुई उसने कनखियों से इशारा किया.
अनुभा मैंने कहा था न, वो विडियो* रियल तो पहले भी नहीं लग रहा था. तुमने [विडियो* - हरियाणा में एक बस में कथित छेड़छाड़ होने पर दो लड़कियों द्वारा एक लड़के की पिटाई का वायरल हुआ विडियो] ध्यान से नहीं देखा होगा. मगर खुद उसका ध्यान पिछले साल हेल्थ डिपार्टमेंट से बतौर बेस्ट प्रोबेशनर अनुभा को गिफ्ट में मिले चपटी तिकोने वाले प्लेट पर था.
ज़रा वो सॉस देना ! सरपट आकर अपनी प्लेट उठाते हुए अनुभा ने लगभग उसे अनसुना कर दिया.
हाय रे मीडिया, मोबाइल, माहौल......!!!
और तुम………!!! अनुभा ने हलकी चुटकी ली.
लो आमलेट खाओ.
बॉयल होता तो ले लेती, तुम फिनिश करो, फ्राई पसंद है न तुम्हें.
वीडियो भी डीप फ्राई ही था, सारे जमाने को पसंद आया. मगर हाइजीनिक नहीं था. अब जाकर समझ आ रहा है.
देर तक लौट पाउंगी … कल की तरह. स्कूटी पंक्चर न हो भगवान.
"अब लडकियाँ भी कम नहीं सच में... !" मिहिर के फोरहेड की तीनों लाइने एक दूसरे से टकरा सी गयी थी.
अंडे तोड़कर यॉक लिक्विड फ्राइंग पेन में डालना, रोज़ किसी के पसंद का चटपटा बनाना, 70 साल से अधिक उम्र वाले ऑपरेटेड बुजुर्गों को शिविर में संभालना, या फिर बस में किसी लड़के की "इज्जत" लेना, घर आकर रोज़ Temazepam की तरहपेश होना ... कैसे हाइजीनिक होगा. अनुभा जानबूझकर बस बुदबुदा रही थी.
सुनो !! ऑफिस से लौटते समय डॉयक्लीनर्स से अपने गरम कपड़े लेते आना तुम्हें ठण्ड जल्दी लग जाती है न, …… उसने यह बात मिहिर के सुनने भर आवाज़ में कही थी.
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समीर
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अंडे सर्दी में फायदेमंद होते हैं.
अंडे, अब तो ये सभी मौसम में खाये जा सकते हैं. उसने हँसते हुए चाक़ू की धार के दूसरी तरफ़ से टूक टूक कर तोड़ा और सहेजकर गरम फ्राइंग पेन पर उड़ेल दिया.
अच्छा है तुम अंडे खाने लगी.
क्यों ? अब ये वैसे भी वेजेटेरियन केटेगरी में है.
न न.…… वेज, नॉनवेज की बात नहीं !
तो क्या ?
बात मानसिकता की है.
लो तुम फिर फेमिनिस्ट अप्रोच लेकर शुरू हो गये, जैसे दुनिया भर की चेतना की शुरुआत प्रोग्रेसिव लेडी के किचन से होती है. आमलेट को पलटते हुए वह यहाँ तक, रोज़ाना की बातचीत की आदी सी हो गयी थी.
तो क्या अब उसी तरह से जवाब दिया जाना ही किसी समस्या का समाधान है.
अब कौन सी समस्या है…! उसने फ्राइंग पेन से आमलेट मिहिर के चपटी तिकोने वाली प्लेट पर डालते हुए पूछा।
देखा न ! एक प्रोबेशनर को 13 मौतों के बाद लगने वाले पहले ही शिविर में सारे काम सौंप देना, फिर कहना लड़कियाँ किसी से कहीं कम नहीं.
"बात कुछ और ही है" किचन से बैडरूम के वार्डरोब की तरफ जाती हुई उसने कनखियों से इशारा किया.
अनुभा मैंने कहा था न, वो विडियो* रियल तो पहले भी नहीं लग रहा था. तुमने [विडियो* - हरियाणा में एक बस में कथित छेड़छाड़ होने पर दो लड़कियों द्वारा एक लड़के की पिटाई का वायरल हुआ विडियो] ध्यान से नहीं देखा होगा. मगर खुद उसका ध्यान पिछले साल हेल्थ डिपार्टमेंट से बतौर बेस्ट प्रोबेशनर अनुभा को गिफ्ट में मिले चपटी तिकोने वाले प्लेट पर था.
ज़रा वो सॉस देना ! सरपट आकर अपनी प्लेट उठाते हुए अनुभा ने लगभग उसे अनसुना कर दिया.
हाय रे मीडिया, मोबाइल, माहौल......!!!
और तुम………!!! अनुभा ने हलकी चुटकी ली.
लो आमलेट खाओ.
बॉयल होता तो ले लेती, तुम फिनिश करो, फ्राई पसंद है न तुम्हें.
वीडियो भी डीप फ्राई ही था, सारे जमाने को पसंद आया. मगर हाइजीनिक नहीं था. अब जाकर समझ आ रहा है.
देर तक लौट पाउंगी … कल की तरह. स्कूटी पंक्चर न हो भगवान.
"अब लडकियाँ भी कम नहीं सच में... !" मिहिर के फोरहेड की तीनों लाइने एक दूसरे से टकरा सी गयी थी.
अंडे तोड़कर यॉक लिक्विड फ्राइंग पेन में डालना, रोज़ किसी के पसंद का चटपटा बनाना, 70 साल से अधिक उम्र वाले ऑपरेटेड बुजुर्गों को शिविर में संभालना, या फिर बस में किसी लड़के की "इज्जत" लेना, घर आकर रोज़ Temazepam की तरहपेश होना ... कैसे हाइजीनिक होगा. अनुभा जानबूझकर बस बुदबुदा रही थी.
सुनो !! ऑफिस से लौटते समय डॉयक्लीनर्स से अपने गरम कपड़े लेते आना तुम्हें ठण्ड जल्दी लग जाती है न, …… उसने यह बात मिहिर के सुनने भर आवाज़ में कही थी.
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समीर
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