Thursday, January 5, 2012

डिनर पार्टी ............





                        
                अक्सर हम ऐसे शानदार डिनर पार्टी के बहाने मिलते क्यों हैं, जाहिरा तौर पर एक दूसरे से मोहब्बत दिखाते हैं, ख़याल रखना जताते हैं. सेहतमंद खाने और टकराते जाम से मन के मलिन को साफ़ करना बताते हैं, पर सच्चाई ये है कि मैं एक रशियन डिप्लोमेट हूँ मुझे बुलाकर आप हॉट कॉफी की तरह कौमीय रिश्तों की गर्मी आकाओं की निगाह में बनाए रखना चाहते हैं. दीगर दुनिया को अपनी उदारता का नजारा पेश करते हैं. लेकिन मैं तो कूटनीतिक रिवाजों का लिहाज करता हूँ, दरअसल मन तो आपके परोसे शेम्पेन में ज्यादा लगता है और इस बहाने वैसा कुछ समझने की कोशिश होती है जो मेरे मुल्क के काम आये. हाँ !  इस रंगीन दावत और उसके बाद भी ऐसे नजर के चश्में की तलाश में रहता हूँ जिससे पूरी दुनिया को अमेरिकन निगाह से देख सकूं. किस तरह  इस खुशफहमी को बनाए रखने में हमारे साथ के मुल्कों को फ़ायदा है. और हाँ ...मिस्टर वाल्ट ! आपके चेहरे पर हर समय तारी रहने वाली ये ढाई इंच की मुस्कान इस सच्चाई को नहीं बदल सकती.

ओह... मिस एनी आप मिस्टर वोस्तोस्की की बातों को गंभीरता से नहीं लेना. इन रशियन के लिए आरगुमेंट करना सांस लेने जैसा है.

मिस्टर वाल्ट को अनसुना करते हुए मिस्टर वोस्तोस्की ने चेहरा फिर बायीं ओर घुमाकर मिस एनी से पूछा- आप तो साइकाटिस्ट है क्या सोचती इस बारे में ....

"मिस्टर वोस्तोस्की जब कोई इस किस्म की साफगोई से किसी खास मसले पर अपनी राय देता है तो दरअसल वह सामने वाले को अनावृत्त करने की कोशिश में खुद की सच्चाई बयान कर रहा होता है" ....ऐसा मेरा मानना है कहते हुए मिस एनी ने प्लेट पर रखी प्याज की एक परत उतारकर मुंह में रख लिया.


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