दीप जगमग जल उठे, हो देश उजियारा |
न रहे तिल भर धरा पर कोई अँधियारा ||
...................................शुभ दीपावली.
घर घर होय देवारी
अन धन सुख सम्पत बाढय
झडकय दूध बियारी
देवारी तिहार के गाड़ा गाड़ा बधई
.......................सुकवि बुधराम यादव
3 comments:
हार्दिक शुभ कामनाएं
दादाजी को प्रणाम
बराक़ साहब के नाम एक खत
महाजन की भारत-यात्रा
सुन्दर अभिव्यक्ति...शुभकामनाएं...
हार्दिक शुभकामनाएं
Post a Comment