सुन भगवान् हमार .....
तोर कलजुग ले अब तो तहीं उबार ये दे सुन भगवान् हमार !
मनखे मा कर दे हमरो गा सुमार ये दे सुन भगवान् हमार !!
तैहा के मनखे सब धरम करम जानय
दाई दादा गुरु पीढी ला बहुते मानय
परहित मा अब्बड़ कन पुन ला सरेंखय
पर पीरा मा गजब पाप ला उन देंखय
सदा जिनगी अउ उन्चहा बिचार ये दे सुन भगवान् हमार !
तोर कलजुग ले अब तो तहीं उबार ये दे सुन भगवान् हमार !
एक ठन निगोटी पहिर के दिन काँटे
तन मन के भेद जमो अंतस ले पांतय
चटक मटक ले निच्चट रहिन दुरिहाए
संत सही करम करिन गरब ला बरकाये
जनम धरे के अउ कत्तेक हे सार ये दे सुन भगवान् हमार
तोर कलजुग ले अब तो तहीं उबार ये दे सुन भगवान् हमार !
जांगर भर बूता कंरय खा-पी अतियावंव
मेहनत के पाछु अपन बाघ अस गुर्रान्वय
चारी चुगरी म नई जिनगी खपांवय
गुरतुर बोंलय जनव अमृत बरसांवय
अब रोजे जनमाथे दुश्मन हजार ये दे सुन भगवान् हमार
तोर कलजुग ले अब तो तहीं उबार ये दे सुन भगवान् हमार !
सुमता के डोरी मा जक्कड़ के बांधे
उठे बैठे अउ जागे के गुण सांधय
ऊपर अनपद भीतर ले गजब सुजान रंहय
मुखागर बैठे उन सगरी पुराण कहयं
अब तो पढ़े लिखे हो गायन गवार ये दे सुन भगवान् हमार !
तोर कलजुग ले अब तो तहीं उबार ये दे सुन भगवान् हमार!
गोद भदाई पहिरे मुंड खुमरी ढाँके
देह चिरहा बंडी ले कल्लेचुप झांके
तभो मसर मोटी मा गान्वय ददरिया
अर तत्ता बइला ला हांके नगरिहा
अब तो संगवारी नई चिन्हे खेतखार ये दे सुन भगवान् हमार
तोर कलजुग ले अब तो तहीं उबार ये दे सुन भगवान् हमार !
थोरहे खेती कंरय अउ बहुते उपजान्वय
'सोन चिरैयाँ' अपन देस ला कहांवय
अंग अंग उनकर सोन अउ चांदी मा सोहय
घर अंगना ला जगमग लछमी हा मोहय
अब जम्मो देखव त होत हे खुवार ये दे सुन भगवान् हमार
तोर कलजुग ले अब तो तहीं उबार ये दे सुन भगवान् हमार !
गाँव सहर जमो डहर माते हे कन्झत
सुरसा कस पसरत हे 'जनसँख्या' झंझट
ऊपर ले महंगाई कनिहा ला टोरत हे
दुख के मोटरा मा अउ दुख ला जोरत हे
कब तक सहिबोन अइसन अतियाचार ये दे सुन भगवान् हमार
तोर कलजुग ले अब तो तहीं उबार ये दे सुन भगवान् हमार !
मंदिर सुन्ना हे मयखाना म मेला
गुरु चेला मां होवत ठेलम ठेला
अइसन अमोलहा ये जोनी नई सोंचय
झूठें ला खाथें अउ झूठें अन्चोथय
देखव लबरा मन के भारे बजार ये दे सुन भगवान हमार
तोर कलजुग ले अब तो तहीं उबार ये दे सुन भगवान् हमार !
रचियता.............
सुकवि बुधराम यादव
बिलासपुर...
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