Sunday, August 24, 2008

अपन गोठ...

सुकवि बुधराम यादव जी के रचित थोरकुन गीत, कविता, जागरण गीत , मुक्तक , साखी के गुरतुर-गोठ अउ मनोरथ के माध्यम से आप मन अवलोकन करेव । ये सब मोर तीर जौन आदरणीय के जुनाहा संग्रह रहिस ओखरे खजाना आए. ...उनकर गीत/रचना प्रसतुत करईया तो मे हवव , पर आपोमन ला ऐसे लगत होही के उनकर रचना बर आपमन के जौन प्रतिक्रिया बिचार मिलथे ,तेखर बर आदरणीय बुधराम जी के का सोचना हवे..... ता मे उन्करे खजाना -संग्रह म ले एक उनकर लेख इन्हा पोस्ट करत हंव ....... आर्शीवाद देहव

अपन गोठ...

मिरगा कस बिरथा तिसना पाले जनव उचाट मारत जिनगी हा तीसर पहर म कब हबर गय पता नई लगिस , पीछू डहर झाँके ले बहुत पहाये अउ थोरे बचाए के मरम हा सालथे , जीव ला कचोतथे अउ सुरता आथे नीत के ओ गोठ जौन माता-पिता , गुरुजन अऊ बड़का सियान मन ले सुने रहेन अऊ जेकर परभाव हा आज घलव संकलप के रूप म हावय के .......

सेवा म अरपन कर सगरी -अपन हित बिसराके
करज चुका ले महतारी के मनुख तन ये पाके

सोरह आना सच आय के ----- आये हें सो जाये बर राजा रंक फ़कीर जमो निचट जुच्छा हाथ , जत्तेक इंहा पाये , कमाए हें इहें गवाएं परही।
" अंचरा के मया " जनम देवैया महतारी अउ कोरा म basar देवैया धरती महतारी दुनो के मया के बखान अउ महिमा गान करे के laaikaai जतन आय , जौन हां ये माटी के दुलौरा जमो मनखे तक कुछ आखर मा पहुचाये ले बिस्वास हे जरुर सनेह अउ दुलार के भागी बनही ।
ये गीत अऊ कविता मन ला एक संग्रह के सकल देवाय म मोर हित-मिट साहित्यकार मन के संगी धुरंधर साहित्यकार अउ प्रयास प्रकाशन के निदेशक डॉक्टर विनय पाठक के गजब आभारी हँव ।
परम आदरणीय पंडित राजेंद्र प्रसाद शुक्ला , डॉक्टर पालेश्वर प्रसाद शर्मा जइसन प्रतिष्ठित अउ वरिष्ठ मनीषी मन के दू आखर आसिरवचन अउ सनेह के खातिर बहुते आभारी हंव ।
भाई कृष्ण कुमार भट्ट 'पथिक ' , डॉक्टर अजीज रफीक अउ सनत तिवारी घलव ला धन्यवाद ।
गीत - कविता के ये संग्रह मोर पूजनीया महतारी अउ पिता ला परम श्रद्धा सहित समर्पित हवय। जिनकर असीरवाद के आन्छत अपन भाखा के सेवा मा ये अरपन होए पावत हे ।
1966-६७ ले प्रयास प्रकाशन ले जुरे साहत्या यात्रा म , बिसरत , भुलावत , रेंगत , सुस्तावत बरस २००१ मा बिलासा कला मंच के छैन्हा मा घाम घाले बर पहली ठीहा पाईस ।
आख़िर मा ये माटी के जमो गुनिजन , मुनिजन , सुधिजन , गुरुजन अउ बुधजन मन ले निवेदन हवय के येला पढ़के , सुन के , देख के एकर बने अउ घिनहा ला पोगरी झन पचोंहय। अपन सनेह संग सुघर सुझाव अउ आसिरवाद ला बिना अबेर करे मोर कटी भेजे बर झन भुलाहन्य ।

तुंहर सनेह अऊ दुलार के अगोरा मा........


pataa...
बुधराम यादव
एम.आई.जी.अ/८
चंदेला नगर
ringroad no.२
बिलासपुर छत्तीसगढ़

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